मेरी शायरी
-प्रदीप कुमार
Saturday, April 28, 2012
दिल चुराना है चुरालो, पर ये ख्याल रखना,
कीमती है बड़ा और कोमल भी, संभाल रखना ।
बिकते बाजार में हर चीज़ पर प्रेम नहीं,
पर मुझसे वो मिलेगा न मलाल रखना ।
Thursday, April 26, 2012
कभी आवाज दूं दिल से तो अनसुना न करना,
जो बाहें मैं फैलाऊ तो भागी चली आना,
माना कि दस्तूर है दूर से रिश्तें निभाने का भी,
पर दिल से ही सही मेरे पास में ही रहना ।
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