मेरी शायरी
-प्रदीप कुमार
Sunday, June 26, 2011
माँगा खुदा से जलसा तो तन्हाई दे दी,
मिलने की जब थी ख्वाहिश तो जुदाई दे दी,
चुन के भेजा नेताओं को कि होगा कुछ भला,
पर सरकार ने कमबख्त महँगाई दे दी ।
1 comment:
Shalini kaushik
said...
kya bat hai.bahut khoob deep ji.
June 26, 2011 at 9:02 PM
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kya bat hai.bahut khoob deep ji.
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