मेरी शायरी
-प्रदीप कुमार
Thursday, January 6, 2011
13.
हर शख्स यहाँ पर नगीना नहीं होता,
दोस्तों के बिना कभी जीना नहीं होता ;
लाखों में कुछ दोस्त याद भी करते हैं,
हर दोस्त तो यहाँ कमीना नहीं होता |
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment