मेरी शायरी
-प्रदीप कुमार
Tuesday, August 9, 2011
देखते ही देखते कायनात बदल गई,
सोती आँखों में ही रात बदल गई,
न बदला तो सिर्फ मेरा ये दिल ऐ "दीप",
कहते हैं लोग कि हर बात बदल गई |
2 comments:
S.N SHUKLA
said...
बहुत सुन्दर रचना , बहुत खूबसूरत अंदाज
August 10, 2011 at 4:42 PM
Shikha Kaushik
said...
वाह !
blog paheli
August 17, 2011 at 7:27 PM
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2 comments:
बहुत सुन्दर रचना , बहुत खूबसूरत अंदाज
वाह !
blog paheli
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