मेरी शायरी
-प्रदीप कुमार
Wednesday, August 17, 2011
आम जनता से वोट हैं लेते, काम करते कुछ खाश का,
महंगाई को चरम पे लाके, नाम देते हैं विकास का |
1 comment:
Shikha Kaushik
said...
बहुत सुन्दर !
blog paheli
August 17, 2011 at 7:31 PM
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1 comment:
बहुत सुन्दर !
blog paheli
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