मेरी शायरी
-प्रदीप कुमार
Wednesday, August 17, 2011
निगाहों में उनके कुछ इस कदर खो गये,
समझ लिया उन्होने कि शायद हम सो गये |
2 comments:
Shikha Kaushik
said...
बहुत बहुत सुन्दर !
वाह !
blog paheli
August 17, 2011 at 7:32 PM
Dr (Miss) Sharad Singh
said...
बहुत सुन्दर ...
August 22, 2011 at 8:58 PM
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2 comments:
बहुत बहुत सुन्दर !
वाह !
blog paheli
बहुत सुन्दर ...
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