मेरी शायरी
-प्रदीप कुमार
Saturday, September 10, 2011
दिलोदिमाग में,
यूँ छाया करो,
पास कभी आओ,
या बुलाया करो;
वफा में जाँ,
हम भी दे देंगे,
बस ठेस न दो,
न रुलाया करो |
1 comment:
S.N SHUKLA
said...
खूबसूरत रचना , बहुत सुन्दर प्रस्तुति , आभार
September 10, 2011 at 7:31 PM
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1 comment:
खूबसूरत रचना , बहुत सुन्दर प्रस्तुति , आभार
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