मेरी शायरी
-प्रदीप कुमार
Sunday, May 15, 2011
सच्चाई का आज के जमाने में क्या वजन है,
भ्रष्टाचारियों का ही तो यहाँ सफल जनम है,
देश की जनता हर तरफ महँगाई से त्रस्त है,
और सरकारी तंत्र पूरी घोटालों में मगन है ।
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