मेरी शायरी
-प्रदीप कुमार
Saturday, May 21, 2011
शायर मैं नहीं पर शायराना है अन्दाज मेरा,
शब्दों में उकर जाता है जज्बात मेरा,
सौगात सी हैं मेरे ये दिल के हिन्डोले,
आशिक मैं नहीं पर आशिकाना है मिजाज मेरा ।
1 comment:
Shalini kaushik
said...
bahut khoob pradeep ji par kahne ko nahi karta man mera.
May 22, 2011 at 6:23 AM
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1 comment:
bahut khoob pradeep ji par kahne ko nahi karta man mera.
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