मेरी शायरी
-प्रदीप कुमार
Tuesday, December 21, 2010
12.
दोस्त अगर तब साथ ना होते तो दोस्ती की वो शाम ना होती ;
"शीला" अगर दो माह पहले जवान होती तो "मुन्नी" यों बदनाम ना होती
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