Monday, December 17, 2012

देखो बु आ रही है ये दुनिया जलने की,

आज राह देखता सूरज शाम ढलने की,
जिंदगी हर एक की यहाँ पशोपेश में "दीप",
एक चुनौती है वक़्त के साथ चलने की |