मेरी शायरी
-प्रदीप कुमार
Tuesday, December 20, 2011
इंशुरेंस वाले भी कमाल हैं,
गजब सितम ढाते हैं,
मरने का उदाहरण देते हैं,
और प्यार से समझाते हैं
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