Monday, May 23, 2011

सब कहते हैं मैं एक दिल फेंक बंदा हूँ,
मैं नहीं कभी किसी के गले का फंदा हूँ,
दुनिया क्या समझे मैं आखिर हूँ क्या चीज,
पर "दीप" कहे दिल का बड़ा नेक बंदा हूँ ।

3 comments:

वीना श्रीवास्तव said...

बहुत बढ़िया...
आप बोकारो से हैं मैं अभी रांची में हूं...

Unknown said...

वाह । अच्छा है । कभी बोकारो आना हुआ तो बताईयेगा ।

Minakshi Pant said...

apni pehchan btati khubsar shayri :)