जमाने के हर कदम से कदम मिलाता हूँ,
कभी हँसता हूँ खुद, कभी औरों को हँसाता हूँ ।
आता हुआ वक्त रखुँ सबके लिए यूँ ही हँसता हुआ,
नव वर्ष के पहले दिन यह बीड़ा उठाता हूँ ।
कभी हँसता हूँ खुद, कभी औरों को हँसाता हूँ ।
आता हुआ वक्त रखुँ सबके लिए यूँ ही हँसता हुआ,
नव वर्ष के पहले दिन यह बीड़ा उठाता हूँ ।
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