-प्रदीप कुमार
देखो "बू " आ रही यह दुनिया जलने की ....बढ़िया टुकडा है शैर का ,माहौली भाव कनिका है मौसिम (मौसम ) के एहसास की .शुक्रिया चर्चा मंच अनुस्थापन के लिए .
बहुत बहुत सुन्दर.
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देखो "बू " आ रही यह दुनिया जलने की ....
बढ़िया टुकडा है शैर का ,माहौली भाव कनिका है मौसिम (मौसम ) के एहसास की .शुक्रिया चर्चा मंच अनुस्थापन के लिए .
बहुत बहुत सुन्दर.
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