Thursday, January 28, 2016

चोट दिखते नहीं पर जख्म बहुत गहरा है,
वक्त आज भी उसी जगह पे ठहरा है,
तुमने तो फेर ली थी निगाहें बस यूँ ही,
पर दिल पेे आज भी तेरी यादों का पहरा है..

"दीप"

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