दर्द देने के लिए और भी कई बहाने थे,
ऐ खुदा, मोहब्बत को ही क्यों चुना तूने,
और भी कई मांगे थी मेरी तुमसे,
एक सनम दे दो वाली बात को ही क्यों सुना तूने ।
ऐ खुदा, मोहब्बत को ही क्यों चुना तूने,
और भी कई मांगे थी मेरी तुमसे,
एक सनम दे दो वाली बात को ही क्यों सुना तूने ।
No comments:
Post a Comment