Sunday, September 9, 2012

♥पाकर तुझे कोई जीना ही भूल जाए,♥ 
♥जख्मों को अपने सीना ही भूल जाए,♥ 
♥डूबकर तेरी झील सी गहरी आँखों में,♥ 
♥एक मयकश भी शायद पीना ही भूल जाए |♥

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