मेरी शायरी
-प्रदीप कुमार
Sunday, September 9, 2012
♥बना देते हैं पागल मुझे काले ये दो नैन तेरे,♥
♥सुर्ख लब तेरे छीन लेते हैं सुकून-ओ-चैन मेरे,♥
♥कर देती है मदहोश ये मीठी सी मुस्कुराहट तेरी,♥
♥देख कर ही तुझको कट जाते हैं हर रैन मेरे |♥
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