Saturday, September 29, 2012

काले लिबास में ये रात भी बड़ी हसीन लगती है,
शबनमी बूंदों के साथ ये कुछ गमगीन लगती है,
हिम्मत किसे है अंधेरे के अंदर झाँकने का ऐ "दीप",
तलब हो दिल में तो हर बात ही बेहतरीन लगती है |

No comments: